पशु आहार
- क्या आपके पशुओं को कोई बीमारी नहीं होने बावजूद अस्वस्थ है और वह कम दूध देती है? ऐसा संतुलित आहार की कमी के कारण हो सकता है।
- अतः संतुलित पशु आहार (सुधादान) खिलाएँ।
संतुलित पशु आहार से लाभः
- संतुलित पशु आहार खिलाने से जानवर स्वस्थ रहते हैं।
- उनका विकास अच्छा होता है।
- प्रजनन शक्ति बढ़ाता है। गर्भ में पल रहे बच्चे का समुचित विकास होता है।
- दूध उत्पादन एवं फैट में भी वृद्धि होती है।
दुधारू पशुओं के आहार संतुलित कैसे बनायें
दुधारू पशुओं के आहार संतुलित कैसे बनायें और खिलाएं,पशुपालको के लिए ये बात काफी मायने रखता है
- संतुलित आहार उस भोजन सामग्री को कहते हैं जो किसी विशेष पशु की 24 घन्टे की निर्धारित पौषाणिक आवश्यकताओं की पूर्ति करता है।
- संतुलित राशन में कार्बोहार्इड्रेट, वसा ,प्रोटीन और खनिज लवण के आपसी विशेष अनुपात के लिए कहा गया है।
तालिका:1
पोषक तत्व मात्रा
मक्का/जौ/जर्इ 40 किलो
बिनौले की खल 17 किलो
मूंगफली की खल 15 किलो
गेहूं की चोकर 25 किलो
मिनरल मिक्चर 02 किलो
साधारण नमक 01 किलो
कुल 100 किलो
तालिका : 2
पोषक तत्व मात्रा
जौ 30 किलो
सरसों की खल 25 किलो
बिनौले की खल 22 किलो
गेहूं की चोकर 20 किलो
मिनरल मिक्चर 02 किलो
साधारण नमक 01 किलो
कुल 100 किलो
तालिका : 3
पोषक तत्व मात्रा
मक्का या जौ 40 किलो
मूंगफली की खल 20 किलो
दालों की चूरी 17 किलो
चावल की पालिश 20 किलो
मिनरल मिक्चर 02 किलो
साधारण नमक 01 किलो
कुल 100 किलो
तालिका : 4
पोषक तत्व मात्रा
गेहूं 32 किलो मात्रा
सरसों की खल 10 किलो
मूंगफली की खल 10 किलो
बिनौले की खल 10 किलो
दालों की चूरी 10 किलो
चौकर 25 किलो
मिनरल मिक्चर 02 किलो
नमक 01 किलो
कुल 100 किलो
ऊपर दिया गया कोई भी संतुलित आहार भूसे के साथ सानी करके भी खिलाया जा सकता है। इसके साथ कम से कम 4-5 किलो हरा चारा देना आवश्यक है।
पशु आहार खिलाने की मात्रा
पशु | स्वास्थ्य के लिए | दूध के लिए |
बछड़े/बछड़ियों | 0.5 से 1 कि./दिन | प्रति लीटर के लिए 400 ग्राम साधारण अथवा 300 ग्राम सुपर |
गाय | 1 कि./दिन | |
भैंस | 2 कि./दिन | |
गर्भावस्था के | अतिरिक्त 1 कि./दिन | प्रति लीटर के लिए 500 ग्राम साधारण अथवा 400 ग्राम सुपर |
अन्तिम 2 महीनों में | 1 किलो खल्ली के साथ |
- दुधारू पशुओं के आहार संतुलित दाना मिश्रण कितना खिलायें
- शरीर की देखभाल के लिए;
- गाय के लिए5 किलो प्रतिदिन व भैंस के लिए 2 किलो प्रतिदिन
- दुधारू पशुओं के लिए:
- गाय प्रत्येक5 लीटर दूध के पीछे 1 किलो दाना
भैंस प्रत्येक 2 लीटर दूध के पीछे 1 किलो दाना - गाभिन गाय या भैंस के लिए:
6 महीने से ऊपर की गाभिन गाय या भैंस को 1 से 1.5 किलो दाना प्रतिदिन फालतू देना चाहिए। - बछड़े या बछड़ियों के लिए:
• 1 किलो से 2.5 किलो तक दाना प्रतिदिन उनकी उम्र या वजन के अनुसार देना चाहिए। - बैलों के लिए:
• खेतों में काम करने वाले भैंसों के लिए 2 से 2.5 किलो प्रतिदिन
• बिना काम करने वाले बैलों के लिए 1 किलो प्रतिदिन।
- चारे में आमतौर सबसे ज्यादा भूसे का इस्तेमाल किया जाता है।
- इसमें बहुत कम पौष्टिक तत्व होते हैं।
- पशु को सही पोषण मिले इसके लिए राइस ब्रैन, चोकर और चना दिया जाना ज़रूरी है।
- साथ ही हरे चारे को उसके आहार में जरूर शामिल करें जो कि सूखे चारे से ज्यादा अच्छा होता है।
- अच्छी नस्ल की मुर्रा भैंस या होल्सटीन फ्रीजियन गाय का वजन 450 से 500 किग्रा है।
- उसे अच्छी सेहत और पर्याप्त मात्रा में दूध उत्पादन के लिए हर 100 किग्रा भार पर5 किग्रा सूखा चारा देने की जरूरत होती है।
- करीब5 किग्रा पशु के एक दिन के आहार में शामिल होना चाहिए।
- इसमें सूखे और हरे चारे का अनुपात 50:50 फीसदी यानि बराबर होना चाहिए।
- जब पशु दूध के लिए तैयार हो रहा हो तो उसके संतुलित आहार में सूखा चारा, हरा चारा और दाना मिलाकर देना जरूरी है।
- जिसमें सूखा चारा5 किग्रा, हरा चारा करीब 25 किग्रा और दाना एक किग्रा हर रोज देना चाहिए।
- जब पशु दूध देने लायक हो जाए तो सूखा चारा और हरा चारा उतना ही रखें पर दाने को बढ़ा कर चार किलो और गर्भावस्था में दाना घटा कर दो किलो कर दें।
खनिज मिश्रण
पशु स्वस्थ रहे, समय पर गाभिन हो और दूध भी अधिक दे इसके लिए खनिज मिश्रण खिलाना जरूरी है।
खनिज मिश्रण से लाभ:
- पशु स्वस्थ रहे, समय पर गाभिन हो
- और दूध भी अधिक दे इसके लिए खनिज मिश्रण खिलाना जरूरी है।
- बछड़े/बछड़ियों की वृद्धि में सहायता
- आहार को सुपाच्य बनाना एवं प्रजनन शक्ति को ठीक रखना
- रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाना तथा पशु लम्बी अवधि तक उपयोगी
- दूध उत्पादन में वृद्धि, दो ब्यांतों में अंतर को कम करना
खनिज मिश्रण खिलाने की मात्रा
पशु | खुराक |
बछड़ा/बछड़िया | 20 से 25 ग्राम प्रतिदिन |
बढ़ते हुए बाछी | 50 ग्राम प्रतिदिन |
पशु दूध में हो | 50 से 100 ग्राम प्रतिदिन |
दुधारू पशुओं के लिए हरा चारा
- हरा चारा पशु चाव से खाते हैं।
- यह सूखे चारे की अपेक्षा जल्दी पचता है।
- दूध का उत्पादन बढ़ाता है।
- इसमें सूडान घास, बाजरा, ज्वार, मकचरी, जई और बरसीम आदि शामिल हैं।
- पशुपालकों को चाहिए कि वो हरे चारे में दलिया या दलहनी दोनों तरह के चारे शामिल करें।
- इससे पशुओं में प्रोटीन की कमी बड़ी आसानी से पूरी की जा सकती है।


